बुधवार, दिसंबर 16

जीवन एक रहस्य ही है


जीवन एक रहस्य ही है

जैसा चाहो वैसा गढ़ लो  
स्वप्नों को सच भी तुम कर लो,
हर पल है उपहार अनोखा
हर पल में ही खुशियाँ भर लो !

पल-पल देखो सृष्टि बनती
धूल का कण व तारागण भी,
नन्हा सा जो पादप कल था
वही बना विशाल बरगद भी !

जीवन एक रहस्य ही है
मन के द्वार खुले ही रखना,
कोई कब भीतर आ जाये
जाने किस पल सच हो सपना !

एक आस यदि टूट भी जाये
मुस्कानों का साथ न छोड़ो,
बरस रहा है अविरत बादल
बूंद-बूंद विश्वास समेटो !

जाने कितने मधुरिम लम्हे
छिपे हुए हैं अंतर्मन में,
बिखरा दो कुछ भी न रख के
साथी वही बनेंगे पथ में !


3 टिप्‍पणियां:

  1. हर पल को जीना ही जीवन है...बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...आभार

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17-12-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2193 में दिया जाएगा
    आभार

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  3. स्वागत व आभार कैलाश जी व दिलबाग जी !

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